महोबत को जिस्म की भूख न बनाओ उतार के बदन से कपडेतुम प्यार न  दिखाओ ,
म महोबत को जिस्म की भूख न बनाओ उतार के बदन से कपडेतुम प्यार न  दिखाओ ,

होबत तो इबादत है रब की इसको छिपा के रखो औरो  को न दिखाओ !