महोबत को जिस्म की भूख न बनाओ उतार के बदन से कपडेतुम प्यार न दिखाओ ,
म महोबत को जिस्म की भूख न बनाओ उतार के बदन से कपडेतुम प्यार न दिखाओ ,
होबत तो इबादत है रब की इसको छिपा के रखो औरो को न दिखाओ !
4 Comments
Wah wah
ReplyDeleteShukriya ji
DeleteOsome line
ReplyDeleteThankyou for your valuable comment 😊
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