दिल लेने वाले पर ज़ोर कहाँ चलता है, न जाने ये पागल दिल फिर भी क्यूँ मचलता है, जानता है वो दूर है हमसे , आखिर है तो दि…
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कहूँ तो किस्से कहूँ अपने जज्बात, जब तू न हो मेरे पास तेरे सिवा कौन ही समझेगा मेरे एहसास!
Read moreआख़री मुलाकात भी बड़ी अजीब होती है जनाब, जानते है के अब मुलाकात मुम्किन नहीं, पर इस दिल को आस भी मुलाकात की ही रहती है !
Read moreकभी रूठूँ , कभी मनाऊँ , कभी तुमको सताऊँ , काश हो कोई हमसे भी किसी का ऐसा रिश्ता जिसे मैं बेवजह निभाऊँ !
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