Mere Kuch Lafz
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पागल दिल

दिल लेने वाले पर ज़ोर  कहाँ चलता है,      न जाने ये पागल दिल फिर भी क्यूँ  मचलता  है,      जानता है वो दूर है हमसे , आखिर है तो        दि…

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एहसास

कहूँ तो किस्से कहूँ अपने   जज्बात, जब तू न हो मेरे पास  तेरे सिवा कौन ही समझेगा मेरे एहसास!

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आख़री मुलाकात

आख़री मुलाकात भी बड़ी अजीब होती है जनाब, जानते है के अब मुलाकात मुम्किन नहीं,   पर इस दिल को आस भी मुलाकात की ही रहती है !

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ख़ास रिश्ता

कभी रूठूँ , कभी मनाऊँ , कभी तुमको सताऊँ , काश हो कोई हमसे भी किसी का ऐसा रिश्ता जिसे मैं बेवजह निभाऊँ !

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